चार साल पहले बेच दिए गए मकान पर लोन लेकर 10 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। इतना ही नहीं, आरोपियों ने मकान के पूर्व मालिक को ही बैंक में गारंटर भी बना दिया। पता चलने पर पूर्व मालिक ने कोर्ट में अर्जी लगाई। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने भदोही की कंपनी के छह अधिकारियों सहित सात लोगों के खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी और षड्यंत्र रचने का मुकदमा दर्ज कर लिया है।
सूर्या एंक्लेव निवासी वीरेंद्र सिंह का कहना है कि अशोक नगर में उनका 240 वर्ग गज का एक प्लॉट था, जो वर्ष 2016 में मनोज भाटी को डेढ़ करोड़ रुपये में बेच दिया था। 20 अप्रैल 2016 को इसकी रजिस्ट्री करा दी गई थी। 24 अप्रैल 2019 को उनके पास पंजाब नेशनल बैंक की सूर्या नगर (आगरा) शाखा से नोटिस आया, जिसे देखकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। आरोप है कि तीन फरवरी 2018 को प्लॉट पर 10 करोड़ रुपये का लोन लिया गया था। उसमें उन्हें ग्रांटर दर्शाया हुआ है।
रिकवरी नोटिस ने उड़ाए होश
वीरेंद्र सिंह का कहना है कि बैंक से मिला नोटिस लोन की रिकवरी के संबंध में था। जबकि वह इस तरह के किसी लोन की गारंटी देने के लिए आगरा गए ही नहीं। उनका कहना है कि आरोपियों ने उनके दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल कर उन्हें गारंटर बना दिया और उन्हें इसकी भनक तक नहीं लगने दी।
पुलिस ने नहीं सुनी तो कोर्ट की शरण लेनी पड़ी
वीरेंद्र सिंह का आरोप है कि उन्होंने आरोपियों पर कार्रवाई के लिए थाने से लेकर आला अधिकारियों के दफ्तरों तक के चक्कर काटे, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। मजबूरन उन्हें कोर्ट की शरण लेनी पड़ी। कोर्ट ने सिहानी गेट पुलिस को मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने के आदेश दिए, तब जाकर रिपोर्ट दर्ज हुई।
कंपनी मालिक व सीईओ समेत सात पर केस
सिहानी गेट एसएचओ उमेश बहादुर सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर शिवांश हुता तपिश कंपनी भदोही के मालिक, प्रोपराइटर मोनिका रानी, सीईओ राजीव मेहता, मकान खरीददार मनोज भाटी, जगत सिंह, विशेष बहल व एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।